उद्योगों के माध्यम से होगा समग्र विकास : मुख्य सचिव.

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उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में दक्षिण बिहार के जिलाधिकारियों और उप विकास आयुक्तों की बैठक का आयोजन पटना में किया गया. मुख्य सचिव ने जिला के अधिकारियों को निर्देश दिया कि उद्योग लगाने वाले निवेशकों और उद्यमियों की हर प्रकार की मदद की जाए. उन्होंने कहा कि राज्य में नए उद्योग लगने से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और प्रदेश का चहुंमुखी विकास होगा. उद्योग विभाग के सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम के माध्यम से उद्योग लगाने के लिए सभी प्रकार की अनुमति त्वरित गति से दी जा रही है.

 बियाडा ने ऐसी व्यवस्था की है कि औद्योगिक क्षेत्रों की भूमि का आवंटन 1 सप्ताह के अंदर किया जा रहा है. इसी तरह प्लग एंड प्ले इंडस्ट्रियल शेड का आवंटन भी आवेदन करने के 1 सप्ताह के अंदर कर दिया जा रहा है. इससे उद्योग जगत का विश्वास बढ़ा है. सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में नए उद्यमियों को चिह्नित करें और उन्हें उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करें. उद्यमियों के साथ नियमित बैठकों का आयोजन करना भी जरूरी है ताकि उद्योगों की तरक्की की राह में आने वाली समस्याओं को दूर की जा सके.

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उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने कार्यक्रम में कहा कि औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि से जिले का समेकित विकास होगा. बिहार में लघु एवं मध्यम आकार की औद्योगिक इकाइयां अधिक हैं और इन्हें नियमित सपोर्ट की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि पीएमईजीपी कार्यक्रम के तहत पिछले साल बिहार की लगभग 8800 इकाइयों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई जबकि पीएमएफएमई योजना के तहत 2900 इकाइयों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई.उन्होंने कहा कि 14 सौ करोड़ रुपये के निवेश से बिहार के औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया गया है और वहां बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. औद्योगिक क्षेत्रों में जो 1000 से अधिक इकाइयां जमीन आवंटन के बावजूद काम नहीं कर रही थी उनका आवंटन रद्द किया गया है. इससे नए उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन उपलब्ध हुआ है. मुजफ्फरपुर बैग कलस्टर के बारे में विस्तार से बताते हुए अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि एक बड़ी एंकर यूनिट के साथ कई छोटी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावना बनती है.

उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित ने सभी जिलाधिकारियों को सिंगल विंडो सिस्टम और राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद के संबंध में विस्तार से बताया. उन्होंने जिलों में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बेहतर कराने की आवश्यकता पर बल दिया. तकनीकी विकास निदेशालय के निदेशक संजीव कुमार ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभुकों की हैंडहोल्डिंग करने और उनको मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया. खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के निदेशक विवेक रंजन मैत्रेय ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की नीतियों के बारे में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी प्रदान की. बैठक में उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार, गया के जिलाधिकारी डॉ. एमएस त्यागराजन, जमुई के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह, भोजपुर के जिलाधिकारी राजकुमार, कैमूर के जिलाधिकारी सावन कुमार, रोहतास के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार, बक्सर के जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल, भागलपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, बांका के जिलाधिकारी अंशुल कुमार, जहानाबाद के जिलाधिकारी रिची पाण्डेय और लखीसराय के लिए जिलाधिकारी अमरेंद्र कुमार के साथ-साथ दक्षिण बिहार के सभी जिलों के उप विकास आयुक्त ने भाग लिया.

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