
नागपुर: भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री बी.आर. गवई ने डॉ. अम्बेडकर कॉलेज, दीक्षाभूमि, नागपुर में मराठी में अपने संबोधन के दौरान कॉलेज की विकास यात्रा को याद करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व सांसद श्री प्रफुल्ल पटेल के स्वर्गीय पिता श्री मनोहर भाई पटेल के योगदान की सराहना की। न्यायमूर्ति गवई ने भावुक होकर उस दौर को याद किया जब कॉलेज की शुरुआत एक अस्थायी इमारत में चार कमरों वाले बैठकखाने से हुई थी। उन्होंने बताया, “मुझे आज भी वो दिन याद है जब मेरे पिताजी और उनके साथी इस कॉलेज को चलाते थे। एक बार आर्थिक तंगी के कारण कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं थे। तब दादासाहेब गवई और दादासाहेब कुम्भारे ने मनोहर भाई पटेल, जो प्रफुल्ल पटेल के पिताजी थे, से संपर्क किया। दोनों का मनोहर भाई के साथ घनिष्ठ संबंध था। मनोहर भाई ने मदद का वादा किया, लेकिन एक शर्त रखी कि दोनों गोंदिया आएं, उनके साथ दोपहर का भोजन करें और फिर पैसे लेकर जाएं।” इस सहृदयता और सहयोग की भावना के बल पर कॉलेज न केवल आर्थिक संकट से उबरा, बल्कि आज यह एक विशाल शैक्षणिक संस्थान के रूप में स्थापित हो चुका है। न्यायमूर्ति गवई की स्पष्टवादिता उनके सरल और सहज व्यक्तित्व को दर्शाती है। साथ ही, स्व. मनोहर भाई पटेल का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान और समाजसेवियों के प्रति उनकी सम्मानजनक भावना आज के समाज के लिए प्रेरणादायक है। यह कहानी न केवल शिक्षा के महत्व को रेखांकित करती है, बल्कि आपसी सहयोग और उदारता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा भी देती है।