महानदी कोल फिल्ड्स में निम्नस्तरीय कोयला खरीद कर हाई ग्रेड कोयला उठाने के चल रहे घोटाले पर प्रधानमंत्री एवं कोयला मंत्री का ध्यान आकर्षण

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नई दिल्ली – उफ्तत्सा राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी)के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री डा॰ राज कुमार यादव की ओर से, जो देशभर के ट्रक ट्रांसपोर्टरों, ड्राइवरों और सारथियों के हितों की रक्षा करने वाला एक मात्र प्रमुख संगठन है,ने महानदी कोल फिल्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में चल रहे कथित कोयला घोटाले की ओर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्रीय कोयला मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी जी का ध्यान आकर्षित किया है l यह घोटाला न केवल राष्ट्रीय संसाधनों की लूट है, बल्कि ट्रक ट्रांसपोर्टरों की आजीविका को भी प्रभावित कर रहा है, क्योंकि इससे कोयला परिवहन में अनियमितताएं बढ़ रही हैं, अवैध व्यापार फल-फूल रहा है और ईमानदार ट्रांसपोर्टरों व ट्रक मालिकों को नुकसान हो रहा है।
घोटाले की तथ्यात्मक जानकारी एवं घटनाक्रम के तहत महानदी कोल फिल्ड्स लिमिटेड (एमसीएल), जो कोल इंडिया लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है और ओडिशा में संचालित है, में हाल के वर्षों में कोयला ग्रेड से संबंधित अनियमितताओं की रिपोर्ट्स सामने आई हैं। इस घोटाले में मुख्य रूप से सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, छेंदीपदा और तालचेर क्षेत्र शामिल हैं, जहां अवैध खनन, रिश्वतखोरी, पर्यावरणीय उल्लंघन, भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी और निम्न ग्रेड कोयला को उच्च ग्रेड के रूप में उठाने की प्रथा व्याप्त है। हालांकि, इस विशिष्ट घोटाले पर सीधे आधिकारिक जांच रिपोर्ट्स भी सोशियल मिडिया पर व्याप्त हैं, लेकिन समान प्रकृति के मामलों से प्रेरित होकर यह स्पष्ट है कि निम्नस्तरीय (लो ग्रेड) कोयला को हाई ग्रेड के रूप में उठाने/बेचने की प्रथा देश के कोयला क्षेत्र में व्याप्त है। नीचे उपलब्ध तथ्यों एवं घटनाक्रम पर आधारित जानकारी दी जा रही है, जिसमें सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, छेंदीपदा और तालचेर के घटनाक्रम को जोड़ा गया है:
पृष्ठभूमि एवं प्रारंभिक घटनाक्रम (2012-2024)-देश के कोयला आयात एवं वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं देखी गईं, जहां इंडोनेशिया जैसे देशों से सस्ता, निम्न कैलोरी वैल्यू (लगभग 3,500 किलोकैलोरी/टन) वाला कोयला खरीदा गया और उसे उच्च कैलोरी वैल्यू (6,000 किलोकैलोरी/टन) के रूप में भारतीय सरकारी कंपनियों को बेचा गया। उदाहरण के तौर पर, इंडोनेशिया से $28 प्रति टन पर खरीदा गया कोयला भारत पहुंचते-पहुंचते $91-92 प्रति टन का हो गया, जिससे सरकारी कंपनियों को भारी नुकसान हुआ। तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) को ऐसे कोयले की आपूर्ति से लगभग 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। यह प्रथा एमसीएल जैसे क्षेत्रीय कोल फिल्ड्स में भी फैल चुकी है, जहां उत्पादित कोयले की ग्रेडिंग में गड़बड़ी से ट्रांसपोर्टरों को प्रभावित किया जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ ट्रेडर्स लिफ्टरों के द्वारा कम जीसीवी (गुणवत्ता) वाले कोयले की बोली लगाकर डिलीवरी ऑर्डर (डी ओ) प्राप्त करते हैं लेकिन इस डी ओ के आधार पर स्थानीय लिफ्टरों द्वारा हाई जीसीवी कोयला उठाकर चालान किया जाता है l जिसमें एमसीएल के अधिकारियों से लेकर फील्ड में काम कर रहे हैं लोडर के ड्राइवर, लिफ्टर, वॉचमैन व कांटा कर्मी तक संलिप्त रहते हैं और महीने के महीने इनको मोटी कमाई इस करस्तानी के बदले में दी जाती है किंतु इसका आकलन किया जाए तो प्रत्येक क्षेत्र/कोलियरी करोड़ों में सीधे तौर पर सरकारी राजस्व की हानी होती है जिस पर ध्यान देकर तुरंत इसे रोकने हेतु जरूरी कार्रवाई की जाए l
2025 में सुंदरगढ़ क्षेत्र में घटनाक्रम के अनुसार अप्रैल 2025 में, सुंदरगढ़ के हेमगिर ब्लॉक में टेलेंडीही राजस्व वन में बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खनन का खुलासा हुआ, जहां माफिया द्वारा भारी मशीनरी का उपयोग कर कोयला निकाला जा रहा था l 6 अप्रैल को, प्रशासन ने 46 टन अवैध कोयला जब्त किया। 18 अप्रैल को, ओडिशा मंत्रियों ने अवैध खनन स्थलों का निरीक्षण किया और 141.76 टन कोयला जब्त किया गया, जो 15-20 वर्षों से चली आ रही समस्या थी। मई 2025 में, ओडिशा सरकार ने ₹39 करोड़ के अवैध खनन की विजिलेंस जांच के आदेश दिए और एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित की। यह अनियमितताएं निम्न ग्रेड कोयला को उच्च ग्रेड के रूप में उठाने से जुड़ी हैं, जिससे ट्रांसपोर्टरों को अवैध परिवहन में नुकसान हो रहा है।
2025 में झारसुगुड़ा क्षेत्र में घटनाक्रम के तहत अगस्त 2025 में, सीबीआई ने एमसीएल के रामपुर कोल माइंस के सब-एरिया मैनेजर को ₹20,000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया, जो कोयला उठाने और ग्रेडिंग में अनियमितताओं से जुड़ा था। मई 2025 में, सुंदरगढ़ घोटाले के बाद झारसुगुड़ा में पावर प्लांट्स और वॉशरीज की जांच शुरू हुई। ये घटनाएं एमसीएल में निम्न ग्रेड कोयला को उच्च ग्रेड के रूप में लोड करने से जुड़ी हैं, जिससे परिवहन में गड़बड़ी बढ़ रही है।
2025 में छेंदीपदा क्षेत्र में घटनाक्रम के अनुसार अगस्त 2025 में, छेंदीपदा ब्लॉक में सुबधरा ओपन कास्ट प्रोजेक्ट (25 एमटी रिजर्व) के 2025-26 तक चालू होने की योजना से पर्यावरणीय चिंताएं बढ़ीं, जिसमें हाथियों के विस्थापन का मुद्दा शामिल है। अक्टूबर 2024 में, ग्रामीणों ने ₹8,000 करोड़ के कोयला प्रोजेक्ट के खिलाफ रैली की, जिसमें पर्यावरणीय प्रभाव और भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं की शिकायतें थीं। इसी प्रकार, बैतरनी कोल माइन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए, जो एमसीएल की परियोजनाओं में स्थानीय विरोध और संभावित अनियमितताओं को दर्शाते हैं। ये मुद्दे कोयला ग्रेडिंग और उठाने में अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालते हैं, क्योंकि पर्यावरणीय उल्लंघन से अवैध गतिविधियां बढ़ सकती हैं।
2025 में तालचेर क्षेत्र में घटनाक्रम में जनवरी 2025 में, तालचेर के हिंंगुला कोल माइन में भूमि धंसाव की घटना हुई, जो सुरक्षा और परिचालन अनियमितताओं को इंगित करती है। जनवरी 2025 में ही, ग्रामीणों ने कनिहा कोल माइन को पंगु बना दिया, जिसमें पुनर्वास और पुनर्स्थापन (आरएंडआर) दावों में देरी की शिकायतें थीं। नवंबर 2024 में, अनुबंधित श्रमिकों की हड़ताल के बाद खनन गतिविधियां फिर शुरू हुईं, लेकिन इससे उत्पादन प्रभावित हुआ। अक्टूबर 2024 में, भूमि अधिग्रहण मामलों के लिए तालचेर में पूर्णकालिक विशेष ट्रिब्यूनल की स्थापना को मंजूरी दी गई, जो पूर्व अनियमितताओं को संबोधित करती है। ये घटनाएं एमसीएल में ग्रेडिंग और परिवहन में गड़बड़ियों से जुड़ी हो सकती हैं, क्योंकि हड़तालें और भूमि विवाद अवैध उठाव को बढ़ावा देते हैं।
यह घोटाला न केवल राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि ट्रक ट्रांसपोर्टरों की आजीविका पर भी असर डाल रहा है। अवैध कोयला परिवहन से ईमानदार सारथियों को काम कम मिल रहा है, जबकि काले बाजार में अनियमित ट्रांसपोर्ट फल-फूल रहा है। इससे बिजली उत्पादन महंगा हो रहा है, जो अंततः आम उपभोक्ताओं पर बोझ डालता है।
हमारी मांगें:
एमसीएल में कोयला ग्रेडिंग एवं उठाने की प्रक्रिया की तत्काल सीबीआई जांच कराई जाए।
ट्रक ट्रांसपोर्टरों को प्रभावित करने वाली अनियमितताओं पर विशेष समिति गठित की जाए।
कोयला मंत्री द्वारा संसद में इस मुद्दे पर बयान दिया जाए एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
ट्रांसपोर्टरों के हितों की रक्षा के लिए कड़े नियम लागू किए जाएं, ताकि अवैध परिवहन रोका जा सके।
हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री एवं कोयला मंत्री इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करेंगे। अन्यथा, “उफ्तत्सा” राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा – देशव्यापी आंदोलन शुरू करने को बाध्य होगा।

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