
अविनाश पुष्पलता गोविंदराव आदिक
राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता
भारत, विश्व की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक, आज एक ऐसी राह पर है जो इसे 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखती है। ‘विकसित भारत’ का सपना केवल आर्थिक समृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समावेश, तकनीकी नवाचार, और सांस्कृतिक गौरव का एक समन्वित स्वरूप है। इस महत्वाकांक्षी यात्रा में भारत के युवा, जो देश की जनसंख्या का सबसे बड़ा और सबसे गतिशील हिस्सा हैं, केंद्र में हैं। 1.4 अरब की जनसंख्या में 65 प्रतिशत से अधिक लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं, जो भारत को विश्व का सबसे युवा देश बनाता है।
विकसित भारत: एक प्रेरणादायी दृष्टिकोण
‘विकसित भारत’ का लक्ष्य एक ऐसा भारत है जो आर्थिक रूप से समृद्ध, सामाजिक रूप से समावेशी, तकनीकी रूप से उन्नत, और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हो। सरकार की योजनाएं, जैसे ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, और ‘आत्मनिर्भर भारत’, इस दिशा में मजबूत कदम हैं। ये पहल भारत को वैश्विक मंच पर एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाती हैं और युवाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोलती हैं।
आर्थिक समृद्धि : भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्तमान में 3.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है, और 2030 तक इसके 7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ जैसे कार्यक्रम युवाओं को उद्यमिता और रोजगार के लिए प्रेरित कर रहे हैं। स्टार्टअप्स की संख्या 2014 में 300 से बढ़कर 2025 में 1,40,000 से अधिक हो चुकी है, जो युवाओं की रचनात्मकता और नवाचार का प्रतीक है।
तकनीकी क्रांति : ‘डिजिटल इंडिया’ ने ग्रामीण और शहरी भारत को जोड़ा है। एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) ने डिजिटल भुगतान को विश्व में अग्रणी बनाया, जिसमें 2024 में 130 अरब से अधिक लेनदेन दर्ज किए गए। यह तकनीकी प्रगति युवाओं को डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान देने का सुनहरा अवसर दे रही है।
शिक्षा और कौशल विकास : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 ने शिक्षा को अधिक समावेशी और कौशल-केंद्रित बनाया है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा विज्ञान, और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में नए पाठ्यक्रम युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रहे हैं।
युवाओं का योगदान: विकसित भारत का आधार
भारत के युवा देश की प्रगति के वाहक हैं और इसके नवाचार और नेतृत्व के प्रतीक हैं। उनकी ऊर्जा, रचनात्मकता, और तकनीकी दक्षता भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
उद्यमिता और स्टार्टअप : भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की संख्या 100 से अधिक हो चुकी है, जिनमें बायजूस, ओला, और स्विगी जैसे नाम शामिल हैं। युवा उद्यमी, जैसे रितेश अग्रवाल (ओयो) और बायजू रवींद्रन (बायजूस), ने वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बढ़ाया है। ‘स्टार्टअप इंडिया’ ने युवाओं को जोखिम लेने और नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया है। उदाहरण के लिए, फिनटेक स्टार्टअप्स जैसे पेटीएम और रेजरपे ने डिजिटल भुगतान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
तकनीकी नवाचार : भारत के युवा कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन, और हरित प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अग्रणी हैं। बेंगलुरु, हैदराबाद, और पुणे जैसे शहर तकनीकी नवाचार के केंद्र बन चुके हैं, जहां युवा इंजीनियर और डेवलपर्स वैश्विक कंपनियों जैसे गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारत के सॉफ्टवेयर निर्यात ने 2024 में 190 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया, जो युवाओं की तकनीकी क्षमता का प्रमाण है।
सामाजिक परिवर्तन : युवा सामाजिक बदलाव के लिए भी सक्रिय हैं। पर्यावरण संरक्षण, लैंगिक समानता, और शिक्षा जैसे मुद्दों पर युवा संगठन और स्वयंसेवी समूह सक्रियता दिखा रहे हैं। उदाहरण के लिए, युवा कार्यकर्ता जैसे दिशा रवि ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक मंच पर भारत की आवाज बुलंद की है।
सरकारी पहल: युवाओं के लिए अवसरों का सृजन
भारत सरकार ने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए कई प्रेरणादायी योजनाएं शुरू की हैं, जो उन्हें विकसित भारत का हिस्सा बनने के लिए तैयार कर रही हैं।
स्किल इंडिया मिशन : इस मिशन ने 5 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया है, जिससे वे उद्योगों और सेवा क्षेत्र में रोजगार के लिए तैयार हुए। डिजिटल कौशल, मशीन लर्निंग, और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण ने युवाओं को वैश्विक मांग के अनुरूप बनाया। यह मिशन ग्रामीण युवाओं को भी तकनीकी और गैर-तकनीकी कौशल प्रदान कर रहा है।
मेक इन इंडिया : यह पहल विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा दे रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, और रक्षा क्षेत्र में निवेश ने युवाओं के लिए लाखों नौकरियां पैदा की हैं। उदाहरण के लिए, भारत अब स्मार्टफोन उत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर है, जिसमें युवा इंजीनियरों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) : इस योजना ने ग्रामीण और शहरी युवाओं को तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़े, बल्कि युवाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ा। इस योजना के तहत प्रशिक्षित युवा अब स्वास्थ्य, आतिथ्य, और निर्माण जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
डिजिटल सशक्तिकरण* : ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल साक्षरता बढ़ाई गई है। सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) ने ग्रामीण युवाओं को डिजिटल सेवाओं के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए। ये केंद्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को डिजिटल रूप से सशक्त बना रहे हैं।
युवाओं का भविष्य: अवसर और प्रेरणा
विकसित भारत का सपना युवाओं के बिना अधूरा है। उनकी रचनात्मकता, ऊर्जा, और नवाचार की क्षमता भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दे रही है।
रोजगार और उद्यमिता : भारत में स्टार्टअप संस्कृति ने युवाओं को नौकरी मांगने के बजाय नौकरी देने वाला बनाया है। फिनटेक, एडटेक, और हेल्थटेक जैसे क्षेत्रों में युवा उद्यमी नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। ‘मुद्रा योजना’ ने छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए ऋण उपलब्ध कराकर युवाओं को सशक्त किया है। उदाहरण के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यमी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपने उत्पाद बेच रहे हैं।
शिक्षा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा : राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा को अधिक लचीला और कौशल-केंद्रित बनाया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जैसे संस्थान युवाओं को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। साथ ही, ऑनलाइन शिक्षण मंच जैसे स्वयं ने ग्रामीण युवाओं को भी उच्च शिक्षा तक पहुंच दी है।
पर्यावरण और सामाजिक नेतृत्व : भारत के युवा पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समावेश के लिए सक्रिय हैं। इलेक्ट्रिक वाहन और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में युवा उद्यमी भारत को हरित भविष्य की ओर ले जा रहे हैं। साथ ही, सामाजिक कार्यों में उनकी भागीदारी समाज को अधिक समावेशी और संवेदनशील बना रही है।
चुनौतियों का सामना और समाधान
हालांकि भारत के युवा असीम संभावनाओं से भरे हैं, फिर भी कुछ चुनौतियां हैं, जैसे बेरोजगारी, शिक्षा तक पहुंच, और क्षेत्रीय असमानता। लेकिन सरकार और युवाओं की साझा मेहनत इन चुनौतियों को अवसरों में बदल रही है।
कौशल और रोजगार : ‘स्किल इंडिया’ और पीएमकेवीवाई जैसी योजनाएं बेरोजगारी को कम करने में मदद कर रही हैं। ग्रामीण युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
शिक्षा तक पहुंच : ‘डिजिटल इंडिया’ ने ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया है, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के युवा भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रमों ने शिक्षा को सुलभ बनाया है।
क्षेत्रीय समावेश : ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान ने पूर्वोत्तर और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया, जिससे वहां के युवाओं को भी अवसर मिल रहे हैं।
विकसित भारत का सपना युवाओं की ऊर्जा, रचनात्मकता, और समर्पण के बिना अधूरा है। सरकार की दूरदर्शी योजनाएं और युवाओं का उत्साह भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने की दिशा में एकजुट होकर काम कर रहे हैं। ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों ने युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर दिए, बल्कि उन्हें विश्व मंच पर नेतृत्व करने का मौका भी दिया। भारत का युवा आज न केवल देश की प्रगति का आधार है, बल्कि वैश्विक नवाचार और नेतृत्व का प्रतीक भी है। विकसित भारत का भविष्य युवाओं के हाथों में है, और उनकी मेहनत, समर्पण, और नवाचार भारत को 2047 तक एक समृद्ध, समावेशी, और शक्तिशाली राष्ट्र बनाएंगे। यह युवाओं का सुनहरा युग है, और उनका भविष्य उज्ज्वल, प्रेरणादायी, और असीम संभावनाओं से भरा है।