
दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के सचिव पद के लिए हुए चुनाव में एक बार फिर भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने जीत दर्ज की. उन्होंने अपनी ही पार्टी के पूर्व सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को 45 मतों से पराजित करते हुए इस प्रतिष्ठित पद पर लगभग ढाई दशक से जारी अपना वर्चस्व कायम रखा. लोकसभा अध्यक्ष इस क्लब के पदेन अध्यक्ष होते हैं. लेकिन क्लब के कार्यकारी कामकाज में सचिव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
यह मुकाबला भाजपा बनाम भाजपा की सियासी टक्कर के रूप में खासा सुर्खियों में रहा. इस चुनाव ने कई नए कीर्तिमान भी स्थापित किए. एक तरफ जहां राजीव प्रताप रूडी जो कि सारण बिहार से भाजपा सांसद हैं, तो दूसरी तरफ यूपी के कद्दावर भाजपा नेता एवं मुजफ्फरनगर से दो बार सांसद रह चुके पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान चुनाव लड़ रहे हैं. पहली बार मतदान प्रक्रिया में डाक मत का उपयोग किया गया. इसके अलावा, राजनीतिक गलियारों की कई दिग्गज हस्तियों ने व्यक्तिगत रूप से आकर मतदान किया. मताधिकार का प्रयोग करने वालों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जैसे बड़े नाम शामिल रहे.
क्लब के चुनाव में अन्य किसी पद पर मतदान की नौबत नहीं आई. इस बीच कांग्रेस के एपी जितेंद्र रेड्डी और राजीव शुक्ला तथा डीएमके के तिरुचि शिवा को क्रमशः कोषाध्यक्ष, खेल सचिव और संस्कृति सचिव के पद के लिए निर्विरोध चुन लिया गया है. हालांकि सचिव पद पर रूडी के खिलाफ उनकी ही पार्टी के बालियान ने नामांकन किया जिसके कारण चुनाव की नौबत आई. इसके बाद दोनों उम्मीदवारों के पक्ष में पार्टी लाइन से ऊपर उठ कर हुई खेमेबंदी ने मुकाबले को बेहद दिलचस्प बना दिया. सचिव पद के लिए अब तक तीन बार चुनाव हुए हैं. तीनों ही चुनावों में औसतन सौ के करीब मतदाताओं ने ही वोट डाले. इस बार चौथे चुनाव में मामला हाई प्रोफाइल हो जाने के कारण रिकॉर्ड 707 मत पड़े. पहली बार 38 सदस्यों ने मतदान के लिए डाक मत का भी इस्तेमाल किया. 669 सदस्यों ने मौके पर जा कर वोट दिया. वोट देने वालों में मोदी सरकार के करीब-करीब सभी मंत्री, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सभी दिग्गज नेता शामिल थे. गौरतलब है कि इस चुनाव में वर्तमान और पूर्व सांसद ही वोट डाल सकते हैं. इनकी संख्या करीब 1200 है.
राजीव प्रताप रूडी की यह जीत न केवल उनके संगठनात्मक कौशल और राजनीतिक पकड़ को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि उन्होंने वर्षों से क्लब की गतिविधियों और नेटवर्क को मजबूत बनाए रखा है. इस परिणाम ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में उनका प्रभाव अब भी निर्विवाद है और निकट भविष्य में उनकी स्थिति को चुनौती देना आसान नहीं है.
कांस्टीट्यूशन क्लब नई दिल्ली की स्थापना फरवरी 1947 में की गई थी. इसका मकसद था कि भारतीय संविधान के निर्माण के लिए जिस संविधान सभा की स्थापना की गई थी, उसके सदस्यों को एक ऐसी जगह मिल सके जहां पर वह अपना सामाजिक संपर्क बनाएं रख सकें. खास बात यह है कि लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला इस समय कांस्टीट्यूशन क्लब के पदेन अध्यक्ष हैं. यह केवल सांसदों और पूर्व सांसदों के लिए है. यहां पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठे होते हैं. उन्होंने कहा कि इस चुनाव को पार्टी से नहीं जोड़ना चाहिए.
इस बार वेस्ट यूपी के कद्दावर भाजपा नेता एवं मुजफ्फरनगर से दो बार सांसद रह चुके पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान भी चुनाव लड़ रहे हैं. इस चुनाव में भाजपा के फायरब्रैंड नेता निशिकांत दुबे खुलकर संजीव बालियान का साथ दे रहे हैं. भाजपा के पूर्व सांसद संजीव बालियान ने कहा कि यह चुनाव दलगत राजनीति से अलग होता है.
कांस्टीट्यूशन क्लब नई दिल्ली में होती है निजी आयोजन व बैठकें कांस्टीट्यूशन क्लब में कॉन्फ्रेंस, निजी आयोजन और कई राजनीतिक बैठकें भी होती हैं. यहां पर सांसदों के परिवारों को भी अच्छी सुविधा मिलती हैं. यहां पर जिम, स्विमिंग पूल भी है, जिसका इस्तेमाल इसके सदस्य कर सकते हैं. क्लब का कैफे भी काफी मशहूर है.