
अखिल भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य डॉ भारतभूषण पाण्डेय ने इंडी गठबंधन के नेताओं द्वारा बिहार में की जा रही यात्रा पर आश्चर्य व्यक्त किया है। आज आरा में जारी एक वक्तव्य में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और लालू प्रसाद के शासन में प्रत्येक चुनाव रक्तरंजित होता था। गरीबों और कमजोर लोगों को बूथ पर जाने ही नहीं दिया जाता था।हर चुनाव में बूथ लूटने, मतपत्रों को फाड़ने, मतपेटियों को छीनने तथा हिंसा की घटनाएं आम बात थीं। राजधानी पटना में शिष्ट और बुजुर्ग लोगों को मतदान केंद्र से बिना मतदान किए पिटकर लौटा दिया जाता था।उस दौर को याद कर आम आदमी आज भी भयभीत हो जाता है। जनसंघ अध्यक्ष ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में टी एन शेषन ने आमूलचूल परिवर्तन किया।उस समय के राजनीतिक दलों ने उनका भी विरोध किया किन्तु उन्होंने अपने संवैधानिक अधिकारों की मर्यादा में रहते हुए दायित्वों का बाखूबी निर्वहन किया। डॉ पाण्डेय ने कहा कि राहुल गांधी का यह कहना कि वे निर्वाचन आयोग से नहीं डरते तथा शपथपत्र नहीं देंगे,घोर निंदनीय, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर सीधा प्रहार है। जनसंघ ऐसी अराजकतावादी राजनीति की निंदा करता है और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गहन पुनरीक्षण का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों का कर्तव्य है कि वे योग्य मतदाताओं का नाम जोड़वाने और मृत, विस्थापित,दो स्थानों पर निबंधित तथा विदेशी लोगों का नाम कटवाने में आयोग का सहयोग करें।